अवसाद के लक्षण:
• मन का उदास रहना,
• दुख महसूस करना,
• रोने की इच्छा होना,
• भूख कम/ ज्यादा लगना,
• नींद कम आना/ नींद ज्यादा आना
• जीवन को लेकर हताश होना,
• निराशा बढ जाना,
• समस्याओं का कोई भी हल दिखाई न देना,
• पसंद के कार्यों मे अरुचि पैदा होना,
• आलस महसूस करना,
• चाह कर भी कोई काम न कर पाना,
• करीबी लोगो से दूरी बनाना,
• अकेलापन महसूस होना,
• नशीले पदार्थों की तरफ आकर्षित होना,
• जीवन से रुचि कम होना,
• महवारी (Menstrual cycle) का असमय/ अनियमित रूप से आना
• बार बार मरने के विचार आना,
• आत्महत्या की कोशिश करना/ योजना बनाना आदि।
अवसाद के सामान्य कारण:
• किसी करीबी की मृत्यु होना,
• घरेलू झगड़े/ हिंसा,
• अकेलापन,
• परीक्षाओं का दबाब,
• आर्थिक रूप से घाटा या तंगी,
• किसी प्रिय व्यक्ति से दूर होना,
• अपने करीबियों से सहयोग न मिलना,
• दीर्घकालिक बीमारी,
• खान-पान अव्यवस्थित होना,
• नींद पूरी न करना/ होना
• दिनचर्या अव्यवस्थित होना आदि।
परिजन एवं मित्र के रूप में अवसाद से ग्रसित व्यक्ति का सहारा कैसे बनें:
• उन्हें बिलकुल भी अकेला न छोड़ें।
• बिना बहस किए उनकी बात सुनें।
• उनके खाने/ पीने का ध्यान रखने।
• उनके साथ नियमित रूप से घूमें एवं व्यायाम करें।
• उनके साथ खेलें।
• जिस वजह से अवसाद है, उस पर खुल के बात करें।
• उन्हे ताने नहीं मारें।
• अवसाद अन्य शारीरिक रोगों की ही तरह एक समस्या है, इसे स्वीकार करें, और पीड़ित को आवश्यक इलाज मनोचिकित्सक (Psychiatrist) और मनोवैज्ञानिक (Psychologist) द्वारा दिलाएँ।
• यह समझें अवसाद एक मानसिक और व्यावहारिक समस्या है जिसका इलाज मनोचिकित्सक (Psychiatrist) और मनोवैज्ञानिक (Psychologist) द्वारा ही संभव है।
• उनकी दवाई और काउन्सलिन्ग का नियमित रूप से ध्यान रखें।
नोट: उपर्युक्त लक्षणों का उल्लेख मानसिक रोगों के प्रति जानकारी एवं जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य के लिए किया गया हैं। इन लक्षणों का और भी शारीरिक एवं मानसिक कारण हो सकता है। अतः सही डायग्नोसिस के लिए इस क्षेत्र के विशेषज्ञों जैसे मनोचिकित्सक एवं मनोवैज्ञानिक से परामर्श करें।