लक्षण:
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सामान्य लक्षणों को भी गंभीर एवं बड़ी बीमारी के लक्षण मान लेना
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सामान्य सीने के दर्द को हृदयाघात मान लेना
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बार-बार चिकित्सकों को दिखाना
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किसी गंभीर बीमारी या बीमारी के होने का भ्रम बना रहना
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जाँचें पूरी तरह सामान्य आने पर भी संतुष्टि न होना
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बार बार जाँचे करना
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बार-बार चिकित्सक बदलना
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बार-बार इलाज का तरीका बदलना
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बीमारी के भय की वजह से कार्यशैली खराब होना
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किसी भी तरह के कार्य में मन नहीं लगना
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बीमारी से संबन्धित विचार बार-बार आते रहना
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अपने स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक चिंतित होना।
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बीमारी के बारे मे बार-बार सूचनाएँ एवं जानकारियां एकत्रित करना।
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बार-बार बीपी चेक करना।
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हृदयगति को बार-बार चेक करना की सामान्य चल रही है या नहीं।
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सामान्य लक्षणों को भी बढ़ा-चढ़ा के प्रस्तुत करना।
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अपने लक्षणों के बारे में बार-बार करीबियों को बताना।
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अपने करीबियों से बार-बार पूछना की मुझे किसी तरह की बड़ी बीमारी या कोई बीमारी तो नहीं है।
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एसे स्थानों को नजरंदाज करना जहां जाकर असहज महसूस हो।
नोट: उपर्युक्त लक्षणों का उल्लेख मानसिक रोगों के प्रति जानकारी एवं जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य के लिए किया गया हैं। इन लक्षणों का और भी शारीरिक एवं मानसिक कारण हो सकता है। अतः सही डायग्नोसिस के लिए इस क्षेत्र के विशेषज्ञों जैसे मनोचिकित्सक एवं मनोवैज्ञानिक से परामर्श करें।